著者名,書名,版表示,出版者名,出版年,シリーズ名,番号,ISBN,ISSN,URL Kanhaiyālāla Poddāra,"रस-मंजरी : अर्थात्, संस्कृत-साहित्य के अनेक सुप्रसिद्ध ग्रंथों के मतानुसार अभिधा, लक्षणा, व्यंजना, ध्वनि और नवरस विवेचनात्मक हिंदी-साहित्य का अपूर्ण ग्रंथ","परिवार्धित और संशोधित, 3. संस्करण",गंगा-ग्रंथागार,1934,काव्य-कल्पद्रुम,,,,https://cir.nii.ac.jp/crid/1130000795796681600