著者名,書名,版表示,出版者名,出版年,シリーズ名,番号,ISBN,ISSN,URL "Jinaprabha Sūri, 14th cent. and Jinavijaya, Muni",विविध तीर्थकल्प : भिन्न भिन्न पाठभेद और विशेषनामानुक्रम समन्वित मूल ग्रन्थ; सरल और सारगर्भित हिन्दी भाषान्तर; ऐतिहासिक और भौगोलिक वस्तु विवेचक अनेकानेक टिप्पनियों द्वारा सुविवेचित; तथा सुविस्तृत प्रस्तावना समलङ्कृत,1. आवृत्ति,सिंघी जैन ज्ञानपीठ,1934,सिंघी जैन ग्रन्थमाला,,,,https://cir.nii.ac.jp/crid/1130000795863733376