पण्डितप्रवर आशाधर विरचित स्वोपज्ञ-विवृति-युत जिनसहस्रनाम : श्रुतसागरसूरि-विरचित टीका-समन्वित : हिन्दी-भाषानुवाद और विस्तृत प्रस्तावना सहित

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Bibliographic Information

Title
"पण्डितप्रवर आशाधर विरचित स्वोपज्ञ-विवृति-युत जिनसहस्रनाम : श्रुतसागरसूरि-विरचित टीका-समन्वित : हिन्दी-भाषानुवाद और विस्तृत प्रस्तावना सहित"
Statement of Responsibility
सम्पादक, हीरालाल जैन
Publisher
  • भारतीय ज्ञानपीठ
Publication Year
  • 1954
Book size
27 cm
Other Title
  • पण्डित प्रवर आशाधर विरचित स्व उपज्ञ विवृति युत जिन सहस्र नाम : श्रुत सागर सूरि विरचित टीका समन्वित : हिन्दी भाषा अनुवाद और विस्तृत प्रस्तावना सहित
  • Svopajna vivriti yuta Jina sahasranama of Pandit Ashadhar : with Hindi translation and introduction : with the commentary of Sruta Sagar Suri
  • पण्डित प्रवर आशाधर विरचित स्व उपज्ञ विवृति युत जिन सहस्र नाम : श्रुत सागर सूरि विरचित टीका समन्वित : हिन्दी भाषा अनुवाद और विस्तृत प्रस्तावना सहित

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Notes

Text in Sanskrit and Hindi

Added t.p. in English

"Translated and edited by Pandit Hiralal Jain" -- Added t.p.

PUB: Kashi [i.e. Banaras] : Bharatiya Jnanapitha -- Added t.p.

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Details 詳細情報について

  • CRID
    1130000794827398656
  • NII Book ID
    BA65329785
  • Country Code
    ii
  • Title Language Code
    hi
  • Place of Publication
    • काशी [i.e. बनारस]
  • Data Source
    • CiNii Books
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