पउमणंदिकओ जंबूदीव-पण्णत्ति-संगहो : जैन करणानुयोग विषयक महत्त्वपूर्ण प्राचीन प्राकृत-रचना : आलोचनात्मक रीतिसे पाठान्तरों व परिशिष्टों आदि सहित, प्रशम वार सम्पादित

CiNii Available at 3 libraries

Bibliographic Information

Title
"पउमणंदिकओ जंबूदीव-पण्णत्ति-संगहो : जैन करणानुयोग विषयक महत्त्वपूर्ण प्राचीन प्राकृत-रचना : आलोचनात्मक रीतिसे पाठान्तरों व परिशिष्टों आदि सहित, प्रशम वार सम्पादित"
Statement of Responsibility
सम्पादक, आ.ने. उपाध्ये, हीरालाल जैन ; त्रिलोकप्रज्ञप्तिके गणितपर हिन्दीमें प्रस्ताविक निबन्धलेखक, लक्ष्मीचन्द्र जैन ; हिन्दी अनुवादक, बालचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री
Publisher
  • जैन संस्कृति संरक्षक संघ
Publication Year
  • 1958
Book size
25 cm
Other Title
  • पउमणंदिकओ जंबूदीव पण्णत्ति संगहो : जैन करण अनुयोग विषयक महत्त्वपूर्ण प्राचीन प्राकृत रचना : आलोचनात्मक रीतिसे पाठान्तरों व परिशिष्टों आदि सहित प्रशम वार सम्पादित
  • Paümaṇaṁdi's Jambūdīva-paṇṇati-saṁgaho : an important Prākrit text dealing with Jaina cosmography etc
  • पउमणंदिकओ जंबूदीव पण्णत्ति संगहो : जैन करण अनुयोग विषयक महत्त्वपूर्ण प्राचीन प्राकृत रचना : आलोचनात्मक रीतिसे पाठान्तरों व परिशिष्टों आदि सहित प्रशम वार सम्पादित

Search this Book/Journal

Notes

In Hindi and Prakrit; introductory matter in English and Hindi

Added t.p. in English

"Authentically edited for the first time with various readings, appendices etc. by A.N. Upadhye, Hiralal Jain ; with an introduction in Hindi on the Mathematics of Tiloyapaṇṇatti by Lakshmichandra Jain ; and with the Hindi paraphrase of Pt. Balchandra, Siddhantasastri"--Added t.p

"Published by Jaina Saṁskr̥ti Saṁrakṣaka Saṁgha, Sholapur"--Added t.p

Includes indexes and table of errata

Related Books

See more

Details 詳細情報について

  • CRID
    1130000794905175168
  • NII Book ID
    BA64922187
  • Country Code
    ii
  • Place of Publication
    • सोलापुर
  • Data Source
    • CiNii Books
Back to top