विपाकश्रुत : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेकन, परिशिष्ट युक्त
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書誌事項
- タイトル
- "विपाकश्रुत : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेकन, परिशिष्ट युक्त"
- 責任表示
- संयोजक तथा आद्य सम्पादक, युवाचार्य मिश्रीमलजी महाराज "मधुकर" ; अनुवादक, रोशनलाल जैन, सम्पादक, शोभाचन्द्र भारिल्ल
- 出版者
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- श्री आगमप्रकाशन-समिति
- 3. संस्करण
- 出版年月
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- 2000
- 書籍サイズ
- 25 cm
- タイトル別名
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- विपाक श्रुत : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेकन, परिशिष्ट युक्त
- Vivāga-suyama : original text, Hindi version, notes annotations and appendices etc
- विपाक श्रुत : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेकन, परिशिष्ट युक्त
- विपाकसूत्र : मूल-अनुवाद-विवेचन-टिप्पण-परिशिष्ट-युक्त
- विपाक सूत्र : मूल अनुवाद विवेचन टिप्पण परिशिष्ट युक्त
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注記
Prakrit text with translation into Hindi; introductory matter in Hindi
Added t.p. in English
"Convener & founded editor, (Late) Yuvacharya Shri Mishrimalji Maharaj "Madhukar" ; translator, Pt. Roshanlal Jain ; editor, Shobhachandra Bharill"--Added t.p
At head of title: परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित
PUB: Beawar (Raj.) : Shri Agam Parkashan Samiti
Summary: Jaina canonical text
Includes bibliographical references and index
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詳細情報 詳細情報について
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- CRID
- 1130000794909556096
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- NII書誌ID
- BA84987797
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- 出版国コード
- ii
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- タイトル言語コード
- hi
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- 出版地
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- ब्यावर (राजस्थान)
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- 統一タイトルID
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- データソース種別
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- CiNii Books