द्रव्यालङ्कारः : मूलमात्र-प्रकाशत्रयात्मकः तथा स्वोपज्ञटीकाविभूषितो द्वितीय-तृतीयप्रकाशात्मको द्रव्यालङ्कारः

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Bibliographic Information

Title
"द्रव्यालङ्कारः : मूलमात्र-प्रकाशत्रयात्मकः तथा स्वोपज्ञटीकाविभूषितो द्वितीय-तृतीयप्रकाशात्मको द्रव्यालङ्कारः"
Statement of Responsibility
रामचन्द्र-गुणचन्द्राभ्यां विरचितः ; संशोधकः-सम्पादकश्च, मुनि जम्बूविजयः ; सहायकाः, मुनिराजश्री धर्मचन्द्रविजय-पुण्डरीकरत्नविजय-धर्मघोषविजयाः
Publisher
  • लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृतिविद्यामन्दिर
  • 1. आवृत्ति
Publication Year
  • 2001
Book size
25 cm
Other Title
  • द्रव्य अलङ्कारः : मूलमात्र प्रकाश त्रय आत्मकः तथा स्वोपज्ञ टीका विभूषितः द्वितीय तृतीय प्रकाश आत्मकः द्रव्य अलङ्कारः
  • Ācārya Ramacandra and Gunacandra's Dravyālaṅkāra with auto-commentary
  • द्रव्य अलङ्कारः : मूलमात्र प्रकाश त्रय आत्मकः तथा स्वोपज्ञ टीका विभूषितः द्वितीय तृतीय प्रकाश आत्मकः द्रव्य अलङ्कारः
  • Dravyālaṅkār

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Notes

In Sanskrit; prefatory matter in Gujarati; includes passages in Prakrit and Tibetan

Other title from preceding

Added t.p. in English

Editor on added t.p.: Muni Jambuvijayaji

Summary: Classical treatise on Jaina philosophy; critical edition

Bibliography: p. [250]-251

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Details 詳細情報について

  • CRID
    1130000794975864960
  • NII Book ID
    BA58149885
  • ISBN
    8185857083
  • LCCN
    2002290595
  • Web Site
    https://lccn.loc.gov/2002290595
  • Country Code
    ii
  • Title Language Code
    sa
  • Place of Publication
    • अमदावाद
  • Data Source
    • CiNii Books
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