श्री-भावसेन-त्रैविद्य-विरचित विश्वतत्त्वप्रकाश : आलोचनात्मक प्रस्तावना, जैन तार्किक साहित्यनामक विस्तृत निबंध, टिप्पण, इत्यादि सहित प्रथमवार संपादित
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Bibliographic Information
- Title
- "श्री-भावसेन-त्रैविद्य-विरचित विश्वतत्त्वप्रकाश : आलोचनात्मक प्रस्तावना, जैन तार्किक साहित्यनामक विस्तृत निबंध, टिप्पण, इत्यादि सहित प्रथमवार संपादित"
- Statement of Responsibility
- संपादत, विद्याधर जोहरापूरकर
- Publisher
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- जैन संस्कृति संरक्षक संघ
- 1st ed
- Publication Year
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- 1964
- Book size
- 23 cm
- Other Title
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- श्री भावसेन त्रैविद्य विरचित विश्व तत्त्व प्रकाशा : आलोचनात्मक प्रस्तावना जैन तार्किक साहित्यनामक विस्तृत निबंध टिप्पण इत्यादि सहित प्रथमवार संपादित
- Bhāvasena's Viśvatattva-prakāśa : a treatise on logical polemics
- श्री भावसेन त्रैविद्य विरचित विश्व तत्त्व प्रकाशा : आलोचनात्मक प्रस्तावना जैन तार्किक साहित्यनामक विस्तृत निबंध टिप्पण इत्यादि सहित प्रथमवार संपादित
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Notes
In Sanskrit and Hindi; introductory matter in English and Hindi
Added t.p. in English
"Edited authentically for the first time with an introduction, notes etc. by V.P. Johrapurkar"--Added t.p
"Published by Gulabchand Hirachand Doshi, Jaina Saṁskr̥ti Saṁrakṣaka Sangha"--Added t.p
Includes indexes
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Details 詳細情報について
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- CRID
- 1130000795317470592
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- NII Book ID
- BA65145465
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- Country Code
- ii
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- Title Language Code
- hi
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- Place of Publication
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- सोलापूर
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- Classification
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- LCC: B162.5
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- Subject
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- LCSH: Jaina literature -- History and criticism
- LCSH: Jaina logic
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- Data Source
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- CiNii Books