महाकवि-श्रीहर्षविरचितं नैषधीयचरितम् : महोपाध्यायमल्लिनाथकृत 'जीवातु' टीकासहित-सान्वय-सटिप्पण 'चन्द्रिका' हिन्दीव्याख्योपेतम्

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書誌事項

タイトル
"महाकवि-श्रीहर्षविरचितं नैषधीयचरितम् : महोपाध्यायमल्लिनाथकृत 'जीवातु' टीकासहित-सान्वय-सटिप्पण 'चन्द्रिका' हिन्दीव्याख्योपेतम्"
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हिन्दी-व्याख्याकारः, देवर्षि सनाढ्य शास्त्री
出版者
  • कृष्णदास अकादमी
出版年月
  • 1984-1987
書籍サイズ
19 cm
タイトル別名
  • महा कवि श्री हर्ष विरचितं नैषधीय चरितम् : महा उपाध्याय मल्लिनाथ कृत जीवातु टीका सहित सान्वय सटिप्पण चन्द्रिका हिन्दी व्याख्या उपेतम्
  • Naiṣadhiyacharitam of Mahakavi Shriharsha with the 'Jivatu' Sanskrit commentary of Mallinath and the 'Chandrika' Hindi commentary
  • नैषधीयचरितम् : 'जीवातु' 'चन्द्रिका' संसकृत-हिन्दीव्याख्योपेतम्
  • महा कवि श्री हर्श विरचितं नैषधीय चरितम् : महा उपाध्याय मल्लिनाथ कृत जीवातु टीका सहित सान्वय सटिप्पण चन्द्रिका हिन्दी व्याख्या उपेतम्
  • नैषधीय चरितम् : जीवातु चन्द्रिका संसकृत हिन्दी व्याख्या उपेतम्
統一タイトル
  • Naiṣadhīyacarita

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注記

In Sanskrit; commentaries in Hindi and Sanskrit; translation and prefatory matter in Hindi

Summary: Poem on the love of Nala and Dayamantī, Hindu mythological characters; based on the Nalopākhyāna portion from Mahābhārata

भाग 1. सर्ग १-११ पूर्वार्ध -- भाग 2. सर्ग १२-२२ उत्तरार्द्ध

Includes indexes

PUB: Varanasi : Krishnadas Academy -- Added t.p.

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