श्रीमद्वट्टकेराचार्य-प्रणीत मूलाचार : श्री वसुनन्दी सिद्धान्तचक्रवर्ती द्वारा विचरित आचारवृत्ति संस्कृत टीका सहित

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Bibliographic Information

Title
"श्रीमद्वट्टकेराचार्य-प्रणीत मूलाचार : श्री वसुनन्दी सिद्धान्तचक्रवर्ती द्वारा विचरित आचारवृत्ति संस्कृत टीका सहित"
Statement of Responsibility
हिन्दी टीकानुवाद, आर्यिकारत्न ज्ञानमती जी ; सम्पादन, कैलाशचन्द्र शास्त्री, जगन्मोहनलाल शास्त्री, पन्नालाल जैन
Publisher
  • भारतीय ज्ञानपीठ
  • 3. संस्करण
Publication Year
  • 1999
Book size
25 cm
Other Title
  • श्रीमत् वट्टकेर आचार्य प्रणीत मूल आचार : श्री वसुनन्दी सिद्धान्त चक्रवर्तिन् द्वारा विचरित आचार वृत्ति संस्कृत टीका सहित
  • Vaṭṭakerāchārya's Mūlāchāra : with Āchāravṛitti, a Sanskrit commentary of Acharya Vasunandi Siddhantachakravarti
  • श्रीमत् वट्टकेर आचार्य प्रणीत मूल आचार : श्री वसुनन्दी सिद्धान्त चक्रवर्तिन् द्वारा विचरित आचार वृत्ति संस्कृत टीका सहित
Uniform Title
  • Mūlācāra

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Notes

In Prakrit; commentary in Sanskrit; translation of text and commentary and prefatory matter in Hindi

Added t.p. in English

"Translated by Aryikaratna Jnanmatiji ; edited by Kailash Chandra Shastri, Jaganmohan Lal Shastri, Pannalal Jain" -- Added t.p

"Bharatiya Jnanpith, New Delhi" -- Added t.p. verso

Summary: Code of conduct for saints of the Digambara sect in Jainism

Includes bibliographical references and indexes

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