श्रीभट्टोजिदीक्षितविरचिता वैयाकरण-सिद्धान्तकौमुदी : सविमर्श-"रत्नप्रभा"-हिन्दीव्याख्यासहिता
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書誌事項
- タイトル
- "श्रीभट्टोजिदीक्षितविरचिता वैयाकरण-सिद्धान्तकौमुदी : सविमर्श-"रत्नप्रभा"-हिन्दीव्याख्यासहिता"
- 責任表示
- व्याख्याकारः सम्पादकश्च बालकृष्णपञ्चोली
- 出版者
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- चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस
- 1. संस्करण
- 出版年月
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- 1969-
- 書籍サイズ
- 23 cm
- タイトル別名
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- श्री भट्टोजि दीक्षित विरचिता वैयाकरण सिद्धान्त कौमुदी : सविमर्श "रत्न प्रभा" हिन्दी व्याख्या सहिता
- Vaiyakaran-Siddhantkaumdi
- Vaiyākaraṇa-Siddhānta-Kaumudī by Śrī Bhaṭṭoji Dīkṣita : edited with "Ratnaprabhā" Hindī commentary by Śrī Bālakṛṣṇa Pañcholī
- श्री भट्टोजि दीक्षित विरचिता वैयाकरण सिद्धान्त कौमुदी : सविमर्श "रत्न प्रभा" हिन्दी व्याख्या सहिता
- वैयाकरणसिद्धान्तकौमुदी : सविमर्श-"रत्नप्रभा"-हिन्दीव्याख्योपेता
- हिन्दी-वैयाकरण-सिद्धान्तकौमुदी
- कारकान्तः
- कारक अन्तः
- समासादि-द्विरुक्तान्तः
- समास आदि द्विरुक्त अन्तः
- भ्वाद्यादि-चुराद्यन्तः
- भू आदि चुर् आदि अन्तः
- ण्यन्तादि-समाप्त्यन्तः
- णि अन्त आदि समाप्ति अन्तः
- ण्यन्तादि कृदन्तान्त
- णि अन्त आदि कृत् अन्त अन्त
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注記
Commentary on Pāṇini's Aṣṭādhyāyī, classical work on Sanskrit grammar
Sanskrit text with commentary in Hindi; prefatory matter in HIndi
Added t.p. in English
4. भागः lacking in publication date
PUB: Varanasi : The Chowkhamba Sanskrit Series Office
On cover of 2-4. भागः: चौखम्भा संस्कृत संस्थान, वारानसी
Includes index
Contetnts: 1. भागः. कारकान्तः = v. 1. Upto the end of kārakaprakaraṇa -- 2. भागः. समासादि-द्विरुक्तान्तः = v. 2. From samāsa to dviruktānta -- 3. भागः. भ्वाद्यादि-चुराद्यन्तः = v. 3. Bhvādi to curādi -- 4. भागः. ण्यन्तादि-समाप्त्यन्तः = v. 4. Ṇyantādi to samāptyant
Contents entry on cover of 4. भागः varies: ण्यन्तादि कृदन्तान्त
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詳細情報 詳細情報について
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- CRID
- 1130000796786177408
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- NII書誌ID
- BA46958455
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- 出版国コード
- ii
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- タイトル言語コード
- sa
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- 出版地
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- वाराणसी
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- 分類
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- LCC: PK513
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- 件名
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- データソース種別
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- CiNii Books