जीवाजीवाभिगमसूत्र : श्रुतस्थविरप्रणीत-उपाङ्गसूत्र : मूलपाठ, प्रस्तावना, अर्थ, विवेचन तथा परिशिष्ट आदि युक्त

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書誌事項

タイトル
"जीवाजीवाभिगमसूत्र : श्रुतस्थविरप्रणीत-उपाङ्गसूत्र : मूलपाठ, प्रस्तावना, अर्थ, विवेचन तथा परिशिष्ट आदि युक्त"
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आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक, युवाचार्य मिश्रीमलजी महाराज "मधुकर" ; सम्पादक, राजेन्द्रमुनिजी ; मुख्य सम्पादक, शोभाचन्द्र भारिल्ल
出版者
  • श्री आगमप्रकाशन समिति
出版年月
  • 1989-
書籍サイズ
25 cm
タイトル別名
  • जीवाजीवाभिगम सूत्र : श्रुतस्थविर प्रणीत उपाङ्ग सूत्र : मूल पाठ, प्रस्तावना, अर्थ, विवेचन तथा परिशिष्ट आदि युक्त
  • Jivajīvabhigama sūtra : original text, Hindi version, introduction and appendices etc
  • जीवाजीवाभिगम सूत्र : श्रुतस्थविर प्रणीत उपाङ्ग सूत्र : मूल पाठ, प्रस्तावना, अर्थ, विवेचन तथा परिशिष्ट आदि युक्त
  • जीवाजीवाभिगमसुत्तं
  • जीवाजीवाभिगम सुत्तम्
  • Jīvājīvābhigamasutta
  • Jīvājīvābhigamsūtr : Śrutasthavirpraṇīt-Upāṅgsūtr : mūlpāṭh, prastāvnā, arth, vivecan tathā pariśishṭ ādi yukt
統一タイトル
  • Jaina Āgama. Upāṅga. Jīvājīvābhigamasūtra

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注記

Prakrit text with translation and annotation in Hindi; introductory matter in Hindi

Added t.p. in English

"Convener & founded editor, Mishrimalji Maharaj "Madhukar" ; editor, Rajendra Muni ; chief editor, Shobhachandra Bharilla"--Added t.p

"1, संस्करण"--T.p. verso of 2. खण्ड

PUB: Beawar (Raj.) : Shri Agam Parkashan Samiti

At head of title: परम श्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित

Summary: Jaina canonical text

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詳細情報 詳細情報について

  • CRID
    1130000798063449088
  • NII書誌ID
    BA58390378
  • LCCN
    90903497
  • Web Site
    https://lccn.loc.gov/90903497
  • 出版国コード
    ii
  • タイトル言語コード
    hi
  • 出版地
    • ब्यावर (राजस्थान)
  • 分類
  • データソース種別
    • CiNii Books
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