नीति-शृङ्गार-वैराग्य नामक भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैनविद्वद्वर्य्य-पं॰ धनसारगणिकृत-प्राचीनतम-व्याख्यासमन्वितम्

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タイトル
"नीति-शृङ्गार-वैराग्य नामक भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैनविद्वद्वर्य्य-पं॰ धनसारगणिकृत-प्राचीनतम-व्याख्यासमन्वितम्"
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भर्तृहरि विरचितं ; अनेक आदर्शाधारेण विविधपाठभेदादिसमलङ्कृत्य सम्पादनकर्ता, दामोदर धर्मानन्द कोसंबी
出版者
  • सिंघीजैनशास्त्रशिक्षापीठ भारतीय विद्याभवन
  • 1. आवृत्ति
出版年月
  • 1959
書籍サイズ
25 cm
タイトル別名
  • नीति-शृङ्गार-वैराग्य नामक भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैनविद्वत् वर्य्य-पं॰ धनसार गणि कृत-प्राचीनतम-व्याख्या समन्वितम्
  • महाकवि-भर्तृहरि-विरचितं नीति-शृङ्गार-वैराग्यात्मकं भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैन पं॰ धनसारगणिकृत-प्राचीनतम-व्याख्यायुक्तम्
  • Bhartr̥hari's Satakatrayaṃ : with the oldest commentary of Jain scholar, Dhansāra Gaṇi
  • Bhartrihari's Satakatrayam : with the oldest commentary of Jain scholar, Dhanasāragaṇi
  • नीति-शृङ्गार-वैराग्य नामक भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैनविद्वत् वर्य्य-पं॰ धनसार गणि कृत-प्राचीनतम-व्याख्या समन्वितम्
  • महा कवि-भर्तृहरि-विरचितम् नीति-शृङ्गार-वैराग्यात्मकम् भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैन पम्॰ धनसार गणि कृत-प्राचीनतम-व्याख्या युक्तम्

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注記

Text in Sanskrit; prefatory matter in English or Hindi

English added t.p. reads: ... with principal variants from many manuscripts etc. edited by D.D. Kosambi ... Bombay : Singhi Jain Śāstra Śikṣāpīṭha, Bhāratīya Vidyā Bhavana

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