त्रीणि छेदसूत्राणि : दशाश्रुतस्कन्ध, बृहत्कल्प, व्यवहारसूत्र : मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, टिप्पण युक्त
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書誌事項
- タイトル
- "त्रीणि छेदसूत्राणि : दशाश्रुतस्कन्ध, बृहत्कल्प, व्यवहारसूत्र : मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, टिप्पण युक्त"
- 責任表示
- संयोजक तथा आद्य सम्पादक, युवाचार्य मिश्रीमलजी महाराज "मधुकर" ; अनुवादक-विवेचक-सम्पादक, कन्हैयालालजी म० "कमल", गीतार्थ तिलोकमुनिजी म०
- 出版者
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- श्री आगमप्रकाशन समिति
- 1. संस्करण
- 出版年月
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- 1992
- 書籍サイズ
- 25 cm
- タイトル別名
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- त्रीणि छेद सूत्राणि : दशाश्रुत स्कन्ध, बृहत्कल्प, व्यवहार सूत्र : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, टिप्पण युक्त
- Treeṅi Chhedsūtrāṅi : Dashashrutskandha, Brihatkalpa, Vyavhar Sutras : original text with variant readings, Hindi version, notes and annotations etc
- त्रीणि छेद सूत्राणि : दशाश्रुत स्कन्ध, बृहत्कल्प, व्यवहार सूत्र : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, टिप्पण युक्त
- दसासुयक्खंधो
- दसा सुयक्खंधो
- बृहत्कल्पसूत्र
- त्रीणि छेदसूत्राणि : मूल-अनुवाद-विवेचन-टिप्पण-परिशिष्ट युक्त
- त्रीणि छेद सूत्राणि : मूल अनुवाद विवेचन टिप्पण परिशिष्ट युक्त
- Trīṇi Chedsūtrāṇi : Daśāśrutskandh, Br̥hatkalp, Vyavhārsūtr : mūlpāṭh, Hindī anuvād, vivecan, ṭippaṇ yukt
- Jinagam Granthamala Publication no. 32-B
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注記
Prakrit text with translation and annotation in Hindi; introductory matter in Hindi
Added t.p. in English
"Convener & founder editor, (Late) Yuvacharya Shri Mishrimalji Maharaj "Madhukar" ; translator-annotator-editor, Anuyoga Pravartaka Muni Shri Kanhaiyalalji "Kamal", Geetarth Shri Tilokmuniji--Added t.p
Other title from added t.p. verso
At head of title: परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित
PUB: Beawar (Raj.) : Shri Agam Parkashan Samiti
Summary: Jaina canonical texts
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詳細情報 詳細情報について
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- CRID
- 1130282269536957952
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- NII書誌ID
- BA58392817
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- 出版国コード
- ii
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- タイトル言語コード
- hi
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- 出版地
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- ब्यावर (राजस्थान)
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- 統一タイトルID
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- データソース種別
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- CiNii Books