अकलंकग्रन्थत्रयम् : स्वोपज्ञविवृतिसहितं लघीयस्त्रयम्, न्यायविनिश्चयः, प्रमाणसंग्रहश्च : न्यायाचार्य पं० महेन्द्रकुमारशास्त्रिनिर्मितटिप्पणादिसहितम्

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書誌事項

タイトル
"अकलंकग्रन्थत्रयम् : स्वोपज्ञविवृतिसहितं लघीयस्त्रयम्, न्यायविनिश्चयः, प्रमाणसंग्रहश्च : न्यायाचार्य पं० महेन्द्रकुमारशास्त्रिनिर्मितटिप्पणादिसहितम्"
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भट्टाकलङ्कदेवविरचितम् ; सम्पादक, महेन्द्रकुमारशास्त्री
出版者
  • सिंघी जैन ग्रन्थमाला
  • 1. आवृत्ति
出版年月
  • 1939
書籍サイズ
27 cm
タイトル別名
  • अकलंक ग्रन्थ त्रयम् : स्वोपज्ञ विवृति सहितम् लघीयस् त्रयम्, न्याय विनिश्चयः, प्रमाण संग्रहः च : न्याय आचार्य पं० महेन्द्र कुमार शास्त्रि निर्मित टिप्पण आदि सहितम्
  • श्रीमद्भट्टाकलङ्कदेवविरचितम् अकलङ्कग्रन्थत्रयम् : लघीयस्त्रयम्, न्यायविनिश्चयः, प्रमाणसंग्रहश्च
  • Akalaṅka granthatrayam : Svopajñavivr̥ti-sahitam Laghīyastrayam, Nyāyaviniścayaḥ, Pramāṇasaṅgrahaśca
  • अकलंक ग्रन्थ त्रयम् : स्वोपज्ञ विवृति सहितम् लघीयस् त्रयम्, न्याय विनिश्चयः, प्रमाण संग्रहः च : न्याय आचार्य पं० महेन्द्र कुमार शास्त्रि निर्मित टिप्पण आदि सहितम्
  • श्रीमत् भट्ट अकलङ्क देव विरचितम् अकलङ्क ग्रन्थ त्रयम् : लघीयस् त्रयम्, न्याय विनिश्चयः, प्रमाण संग्रहः च

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注記

In Sanskrit; prefatory matter in Hindi

Added t.p. in English

"Edited with critical notes, variant readings, introduction and indexes etc. by Mahendra Kumar Śastri"--Added t.p

PUB: Ahmedabad ; Calcutta : Siṅghī Jaina Granthamālā

Summary: Three works of Akalaṅka, with auto-commentaries and notes

Includes bibliographical references and indexes

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