महामहोपाध्याय-श्रीभट्टोजिदीक्षितविरचिता वैयाकरण-सिद्धान्तकौमुदी-व्याख्यानभूता प्रौढमनोरमा : महामहोपाध्याय-श्रीहरिदीक्षितविरचितो बृहच्छब्दरत्नः : महामहोपाध्यायश्रीनागेशभट्टेन स्वयं विरचय्य आत्मगुरोर्हरिदीक्षितस्य नाम्ना प्रकाशमानीतो लघुशब्दरत्नः इति टीकाद्वयालङ्कृता
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Bibliographic Information
- Title
- "महामहोपाध्याय-श्रीभट्टोजिदीक्षितविरचिता वैयाकरण-सिद्धान्तकौमुदी-व्याख्यानभूता प्रौढमनोरमा : महामहोपाध्याय-श्रीहरिदीक्षितविरचितो बृहच्छब्दरत्नः : महामहोपाध्यायश्रीनागेशभट्टेन स्वयं विरचय्य आत्मगुरोर्हरिदीक्षितस्य नाम्ना प्रकाशमानीतो लघुशब्दरत्नः इति टीकाद्वयालङ्कृता"
- Statement of Responsibility
- संपादकः सीतारामशास्त्री
- Publisher
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- काशी-हिन्दू-विश्वविद्यालयः
- 1. संस्करणम्
- Publication Year
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- 1964
- Book size
- 26 cm
- Other Title
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- महा महा उपाध्याय श्री भट्टोजि दीक्षित विरचिता वैयाकरण सिद्धान्त कौमुदी व्याख्यान भूता प्रौढ मनोरमा : महा महा उपाध्याय श्री हरि दीक्षित विरचितो बृहद् शब्द रत्नः : महा महा उपाध्याय श्री नागेश भट्टेन स्वयं विरचय्य आत्मगुरोर् हरि दीक्षितस्य नाम्ना प्रकाशम् आनीतो लघु शब्द रत्नः इति टीका द्वय अलङ्कृता
- Prauḍhamanoramā of Śrī Bhaṭṭoji Dīkshita together with Bṛihachchhabdaratna, an unpublished commentary of Śrī Hari Dīksita and Laghuśabdaratna of Śrī Nāgeśa Bhaṭṭa
- महा महा उपाध्याय श्री भट्टोजि दीक्षित विरचिता वैयाकरण सिद्धान्त कौमुदी व्याख्यान भूता प्रौढ मनोरमा : महा महा उपाध्याय श्री हरि दीक्षित विरचितो बृहद् शब्द रत्नः : महा महा उपाध्याय श्री नागेश भट्टेन स्वयं विरचय्य आत्मगुरोर् हरि दीक्षितस्य नाम्ना प्रकाशम् आनीतो लघु शब्द रत्नः इति टीका द्वय अलङ्कृता
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Notes
In Sanskrit, introductory matter in English
Added t.p. in English
Summary : Commentary, with supercommentary, on Siddhāntakaumudī, commentary on Pāṇini's Aṣṭādhyāyī, Sanskrit classical grammar
Includes indexes
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Details 詳細情報について
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- CRID
- 1130282270428213888
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- NII Book ID
- BA7822303X
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- Country Code
- ii
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- Title Language Code
- sa
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- Place of Publication
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- वाराणसी
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- Data Source
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- CiNii Books