विबुह-सिरिहर-विरइउ वड्ढमाणचरिउ : अद्यावधि अप्रकाशित हस्तलिखित मूल प्रतियोंके आधारपर सर्वप्रथम सम्पादन, विविध पाठान्तर, हिन्दी अनुवाद, विस्तृत समीक्षात्मक प्रस्तावना, परिशिष्टों एवं शब्दानुक्रमणिका सहित

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タイトル
"विबुह-सिरिहर-विरइउ वड्ढमाणचरिउ : अद्यावधि अप्रकाशित हस्तलिखित मूल प्रतियोंके आधारपर सर्वप्रथम सम्पादन, विविध पाठान्तर, हिन्दी अनुवाद, विस्तृत समीक्षात्मक प्रस्तावना, परिशिष्टों एवं शब्दानुक्रमणिका सहित"
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सम्पादन एवं अनुवाद, राजाराम जैन
出版者
  • भारतीय ज्ञानपीठ
  • 1. संस्करण
出版年月
  • 1975
書籍サイズ
25 cm
タイトル別名
  • विबुह सिरिहर विरइउ वड्ढमाण चरिउ : अद्यावधि अप्रकाशित हस्त लिखित मूल प्रतियोंके आधारपर सर्वप्रथम सम्पादन विविध पाठान्तर हिन्दी अनुवाद विस्तृत समीक्षात्मक प्रस्तावना परिशिष्टोम् एवम् शब्द अनुक्रमणिका सहित
  • Vaḍḍhamāṇa-cariu of Vibuha Sirihara
  • विबुह सिरिहर विरइउ वड्ढमाण चरिउ : अद्यावधि अप्रकाशित हस्त लिखित मूल प्रतियोंके आधारपर सर्वप्रथम सम्पादन विविध पाठान्तर हिन्दी अनुवाद विस्तृत समीक्षात्मक प्रस्तावना परिशिष्टोम् एवम् शब्द अनुक्रमणिका सहित

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注記

Apabhramsa and Hindi on facing pages; general editorial in English; introductory matter in Hindi

Added t.p. in English

At head of title: भगवान् महावीरके २५००वें निर्वाण महोत्सवके अवसरपर प्रकाशित = Published on the occasion of 2500th Nirvāna Mahotsava of Bhagavāna Mahāvīra [sic]

"१२वीं सदीकी अपभ्रंश-भाषामें सर्वप्रथम स्वतन्त्र रूपमें निबद्ध भगवान् महावीरका जीवन-चरित = The first independent Apabhraṃśa work of the 12th century v.s. on the life of Lord Mahāvīra"

"Critically edited from rare mss. material for the first time with an exhaustive introduction variant readings, Hindi translation, appendices and glossary by Raja Ram Jain" -- Added t.p

"Published by Bhāratīya Jñānapīṭha, New Delhi" -- Added t.p. verso

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