आचार्य हरिभद्र सूरि विरचित समराइच्चकहा : प्राकृत मूल, संस्कृत छाया एवं हिन्दी अनुवाद सहित
書誌事項
- タイトル
- "आचार्य हरिभद्र सूरि विरचित समराइच्चकहा : प्राकृत मूल, संस्कृत छाया एवं हिन्दी अनुवाद सहित"
- 責任表示
- सम्पादन-अनुवाद, रमेशचन्द्र जैन
- 出版者
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- भारतीय ज्ञानपीठ
- 1. संस्करण
- 出版年月
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- 1993-1996
- 書籍サイズ
- 25 cm
- タイトル別名
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- आचार्य हरिभद्र सूरि विरचित समर आइच्च कहा : प्राकृत मूल संस्कृत छाया एवं हिन्दी अनुवाद सहित
- Samaraichchakaha of Acharya Haribhadra Suri : Prakrit text with Sanskrit chhaya and Hindi translation
- समरादित्य-कथा
- आचार्य हरिभद्र सूरि विरचित समर आइच्च कहा : प्राकृत मूल संस्कृत छाया एवं हिन्दी अनुवाद सहित
- समर आदित्य कथा
- 統一タイトル
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- Samarāiccakahā
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注記
Novel
Text in Prakrit, Sanskrit and Hindi; prefatory matter in Hindi
Added t.p. in English
Other title from t.p. of vol. 2
"Edited and translated into Hindi by Ramesh Chandra Jain"--Added t.p
"Bharatiya Jnanpith, New Delhi"--Added t.p. verso
Summary: Classical Jaina fiction; includes text in Sanskrit and Hindi translation
Contents: भाग 1. पूर्वार्ध -- भाग 2. उत्तरार्ध
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詳細情報 詳細情報について
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- CRID
- 1130282272366336896
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- NII書誌ID
- BA26128874
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- LCCN
- 94901012
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- Web Site
- https://lccn.loc.gov/94901012
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- 出版国コード
- ii
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- 出版地
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- नयी दिल्ली
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- 分類
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- LCC: PK5013.H35
- NDC9: 168
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- 件名
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- データソース種別
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- CiNii Books