रइधू-ग्रन्थावली : १४वीं-१५वीं सदी ईस्वीके महाकवि रइधू द्वारा प्रणीत अपभ्रंश-रचनाओं का, प्राचीन अद्यावधि अप्रकाशित हस्तलिखित ग्रन्थोंके आधारपर सम्पादन, हिन्दी-अनुवाद, विस्तृत समीक्षात्मक भूमिका, विविध पाठ-पाठान्तर तथा शब्दानुक्रमणिका-सहित सर्वप्रथम प्रकाशन

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"रइधू-ग्रन्थावली : १४वीं-१५वीं सदी ईस्वीके महाकवि रइधू द्वारा प्रणीत अपभ्रंश-रचनाओं का, प्राचीन अद्यावधि अप्रकाशित हस्तलिखित ग्रन्थोंके आधारपर सम्पादन, हिन्दी-अनुवाद, विस्तृत समीक्षात्मक भूमिका, विविध पाठ-पाठान्तर तथा शब्दानुक्रमणिका-सहित सर्वप्रथम प्रकाशन"
Statement of Responsibility
सम्पादन एवं अनुवाद, राजाराम जैन
Publisher
  • जैन-संस्कृति-संरक्षक-संघ
  • 1. संस्करण
Publication Year
  • 1975-1988
Book size
25 cm
Other Title
  • रइधू ग्रन्थ आवली : १४वीं १५वीं सदी ईस्वीके महा कवि रइधू द्वारा प्रणीत अपभ्रंश रचनाओं का प्राचीन अद्यावधि अप्रकाशित हस्त लिखित ग्रन्थोंके आधारपर सम्पादन हिन्दी अनुवाद विस्तृत समीक्षात्मक भूमिका विविध पाठ पाठान्तर तथा शब्द अनुक्रमणिका सहित सर्व प्रथम प्रकाशन
  • Raidhū-grānthāvali : the Apabhraṃśa works of Mahākavi Raidhū, a poet of 14th-15th century A.D
  • रइधू ग्रन्थ आवली : १४वीं १५वीं सदी ईस्वीके महा कवि रइधू द्वारा प्रणीत अपभ्रंश रचनाओं का प्राचीन अद्यावधि अप्रकाशित हस्त लिखित ग्रन्थोंके आधारपर सम्पादन हिन्दी अनुवाद विस्तृत समीक्षात्मक भूमिका विविध पाठ पाठान्तर तथा शब्द अनुक्रमणिका सहित सर्व प्रथम प्रकाशन
  • पार्श्वनाथ-चरित
  • सुकौशलचरित
  • धन्यकुमारचरत
  • पासणाह चरिउ
  • सुकोसल चरिउ
  • धण्णकुमार चरिउ
  • रइधू-ग्रन्थावली : १४वी-१५ सदी इसवीके महाकवि रइधूद्वारा गणित अपभ्रंश-रचनाओंका, प्राचीन अद्यावधि अप्रकाशित हस्तलिखित ग्रन्थोंके आधारपर सम्पादन हिन्दी अनुवाद, विस्तृत समीक्षात्मक भूमिका, विविध पाठपाठान्तर तथा शब्दानुक्रमणिका-सहित सर्वप्रथम प्रकाशन
  • रइधू कवि विरचित रइधू ग्रंथावली

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Notes

In Apabhramsa and Hindi; introd. in Hindi; pref. in English

Added t.p. in English

"Critically edited for the first time from unpublished old Mss. with an exhaustive introduction, Hindi translation, variant readings and glossary by Dr. Raja Ram Jain"--Added t.p

"Published by Lalchand Hirachand, Jaina Saṃskṛiti Saṃrakṣhaka Saṃgha, Sholapur"--Added t.p

Contents: 1. भाग. पासणाहचरिउ, धण्णकुमारचरिउ, एवं सुकोसलचरिउ = Pāsaṇāhacariu, Dhaṇṇakumāracariu & Sukosalacariu -- 2. भाग. सम्मइ-जिण-चरिउ = Sammai-jin-chariu

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