कथाकोषप्रकरण : प्राकृत भाषामय : स्वोपज्ञव्याख्या समवेत मूळ प्राकृत गाथाबद्ध तथा विविध कथानक संयुक्त; एवं सुविस्तृत हिन्दी प्रस्तावना, परिशिष्ट आदि समलंकृत

CiNii Available at 6 libraries

Bibliographic Information

Title
"कथाकोषप्रकरण : प्राकृत भाषामय : स्वोपज्ञव्याख्या समवेत मूळ प्राकृत गाथाबद्ध तथा विविध कथानक संयुक्त; एवं सुविस्तृत हिन्दी प्रस्तावना, परिशिष्ट आदि समलंकृत"
Statement of Responsibility
जिनेश्वरसूरिविरचित ; संपादक, जिनविजय मुनि
Publisher
  • सिंघी जैनशास्त्र शिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन
Publication Year
  • 1949
Book size
27 cm
Other Title
  • कथा कोष प्रकरण : प्राकृत भाषामय : स्वोपज्ञ व्याख्या समवेत मूळ प्राकृत गाथाबद्ध तथा विविध कथानक संयुक्त; एवम् सुविस्तृत हिन्दी प्रस्तावना, परिशिष्ट आदि समलंकृत
  • कथाकोषप्रकरण : प्राकृत भाषामय : प्रस्तावनात्मक विभाग
  • Kathākośa prakaraṇa of Śri Jineśvara Sūri
  • कथा कोष प्रकरण : प्राकृत भाषामय : स्वोपज्ञ व्याख्या समवेत मूळ प्राकृत गाथाबद्ध तथा विविध कथानक संयुक्त; एवम् सुविस्तृत हिन्दी प्रस्तावना, परिशिष्ट आदि समलंकृत
  • कथा कोष प्रकरण : प्राकृत भाषामय : प्रस्तावनात्मक विभाग

Search this Book/Journal

Notes

In Prakrit and Hindi; introductory matter in Hindi

Added t.p. in English

"Critically and authentically edited in the original Prakrit with an elaborate introduction in Hindi by Jina Vijaya Muni"--Added t.p

PUB: Bombay : Singhi Jain Śastra Śikshapitha, Bharatiya Vidya Bhavan

Related Books

See more

Details 詳細情報について

  • CRID
    1130000797419618560
  • NII Book ID
    BA18437498
  • Country Code
    ii
  • Title Language Code
    hi
  • Place of Publication
    • बंबई
  • Data Source
    • CiNii Books
Back to top