जिन-भक्ति : श्री सिद्धसेन दिवाकर-सिद्धर्षिगणि-हेमचन्द्राचार्यादि पूर्वाचार्यों द्वारा रचित ज्ञान, वैराग्य एवं भक्ति रस से परिपूर्ण नव स्तोत्रों का संकलन : हिन्दी अनुवाद एवं महिमा सहित
書誌事項
- タイトル
- "जिन-भक्ति : श्री सिद्धसेन दिवाकर-सिद्धर्षिगणि-हेमचन्द्राचार्यादि पूर्वाचार्यों द्वारा रचित ज्ञान, वैराग्य एवं भक्ति रस से परिपूर्ण नव स्तोत्रों का संकलन : हिन्दी अनुवाद एवं महिमा सहित"
- 責任表示
- संग्राहक एवं अनुवादक भद्रंकरविजयजी गणि ; [हिन्दी अनुवादक नैनमल विनयचन्द्र सुराणा]
- 出版者
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- प्राकृत भारती अकादमी
- श्री जैन श्वे. नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ
- मोतिलाल बनारसीदास
- 1. संस्करण
- 出版年月
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- 1989
- 書籍サイズ
- 23 cm
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注記
Hindi paraphrase of selections from Jaina canonical texts in praise of Mahavira, 24th Jaina tīrthāṅkara
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詳細情報 詳細情報について
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- CRID
- 1130282271678427776
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- NII書誌ID
- BA91732424
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- LCCN
- 90904102
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- Web Site
- https://lccn.loc.gov/90904102
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- 出版国コード
- ii
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- タイトル言語コード
- hi
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- 出版地
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- जयपुर
- मेवानगर
- दिल्ली
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- 分類
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- LCC: BL1371
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- 件名
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- LCSH: Mahāvīra
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- データソース種別
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- CiNii Books